दोस्तों यह दुनिया रहस्यों और रोमांचों से भरी हुई है। विज्ञान के दिन पर प्रगति करने के बाद विज्ञान की मदद से इंसान कई रहस्यांे के बारे में जान चुका है, पर प्रकृति के पास अब भी ऐसे रहस्यों की कमी नहीं है जिनके बारे में न तो इंसान पता लगा पाया है और न ही विज्ञान। विज्ञान की समझ से परे इन रहस्यों की इन दुनियों को जितना आप समझने की कोशिष करेंगे उतना ही इसमें उलझते जायेंगे।
आज हम आपको जिस गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं उसके बारे में कहा जाता है कि इस गुफा में भगवान गणेश का कटा हुआ सिर आज भी रखा है। यही नहीं ऐसी भी मान्यता है कि इस गुफा में दुनिया के अंत से जुड़ा रहस्य भी छुपा हुआ है। जाहिर सी बात है रहस्य रोमांच से भरी इस गुफा को देखने के लिये यहां हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। कोई अपनी किसी मनोकामना के पूरी होने की आश लेकर आता है तो कोई इस गुफा के रहस्य के आकर्षण में खिंचा चला आता है।
देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के गंगोलीघाट कस्बे में स्थित दुर्गम पहाड़ी स्थल पर है यह गुफा। इस गुफा की गहराई 90 फिट से भी अधिक है। जनसामान्य में मान्यता है कि इस गुफा को भगवान शिव के अनन्य भक्त और अयोध्या के राजा महाराज ऋतुपर्ण ने खोजा था। इस गुफा के अंदर 33 हजार देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। लेकिन यहां सर्वप्रथम भगवान गणेश की ही पूजा की जाती है।